मुंह में छाले होने के लक्षण एंव उपचार
मुंह में छाले होने के लक्षण एंव उपचार ! :-
भोजन में तीखे मसाले, घी, तेल, मांस, खटाई आदि अधिक मात्रा में खाने से पेट की पाचनक्रिया खराब हो जाती है जिससे मुंह व जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। पेट में कब्ज होने से या गर्म पदार्थ खाने से गर्मी के कारण मुंह में छाले, घाव व दाने निकल आते हैं। ये छाले लाल व सफेद रंग के होते हैं। मुंह में छाले हो जाने पर मुंह में बार-बार लार आता रहता है। कभी-कभी मुंह के छालों से पीब भी निकलने लगती हैं। मुंह को ढकने वाली झिल्ली लाल, फूली और दर्द या जख्म से भरी होती है। इसमें जीभ लाल, फूली हुई और दांत के मसूढ़े फूले हुए होते हैं। तालुमूल में जलन होती रहती है। इस रोग में भोजन चबाने पर छाले व दानों पर लगने से दर्द होता है।

मुंह में छाले -लक्षण:-
लक्षण इस रोग मे जीभ, तालु व होठों के भीतर छोटी-छोटी फुंसियां या छाले निकल आते हैं। ये दाने लाल व सफेद रंगों के होते हैं। इस रोग में मुंह में लार बार-बार आती है।
पानी पीने व जीभ तालू में लगने से तेज दर्द होता है। परिचय जब पेट के अंदर गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है तो जीभ की ऊपरी परत पर छाले उभर आते हैं। ऐसा उस दशा में होता है जब हम खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं। गर्म पदार्थों में आलू, चाट, पकौड़े, अदरक, खट्टी मीठी चीजें, अरहर या मसूर की दाल, बाजरे का आटा आते हैं। कभी-कभी शरीर भोजन को ठीक से नहीं पचा पाता है। तब आंतों में अपच का प्रदाह
उत्पन्न हो जाता है। यदि हम किसी कारणवश मल-मूत्र को रोके रहते हैं तो तब मल दुबारा पचने लगता है और आंतों में सड़न क्रिया आरम्भ हो जाती है। इन सभी कारणों से जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। इन छालों में असहनीय दर्द होता है लगता है जैसे कांटे चुभ रहे हों।
मिर्च-मसालेदार चीजें खाने पर इनमें असहनीय दर्द होने लगता है तथा भोजन करना मुश्किल हो जाता है। साधारण भाषा में इसे मुंह का आना कहते हैं। इसके लिए धनिये का मिश्रण बहुत ही लाभकारी इलाज होता है। कारण मुंह में छाले अपचन व कब्ज के कारण होता है।
पेट की पाचनक्रिया खराब होने का कारण घी, तेल, मिर्च, खटाई, मांस तथा अधिक मसालेदार व अम्ल रस से बने खाद्य-पदार्थ आदि अधिक सेवन करना है, जिससे पेट में कब्ज बनने के कारण पाचनक्रिया खराब होकर मुंह में छाले, घाव, दाने आदि उत्पन्न हो जाते हैं।
मुंह में छाले होने पर मुंह से बदबू आने लगती है, छालों में जलन होती है तथा सुई चुभने की तरह दर्द होता है। मुंह में छाले होने पर भोजन करने में कठिनाई होती है।
बच्चों के मुंह में छाले होने पर लाल छाले, जीभ लाल व होठ के भीतरी भाग में लाल-लाल दाने निकल आते हैं।
मुंह में छाले-घरेलू उपचार:-
सौंफ को मुंह में रखकर चबाने से मुंह के छाले, पीब और दाने आदि खत्म हो जाते हैं। भोजन करने के बाद थोड़ी सौंफ खाने से मुंह में नए छाले नहीं होते हैं। सौंफ का चूर्ण बनाकर छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
जिन लोगों के मुंह में छाले अक्सर होते रहते हैं वे खाने के पश्चात थोड़ी सौंफ खाया करें तो उनके मुंह में छाले नही होते हैं।
छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाने से मुंह तथा जबान दोनों के छाले ठीक हो जाते हैं।
तुलसी की चार पांच पत्तियां रोजना सुबह और शाम को चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पी लें( ऐसा चार पांच दिनों तक करें) ।
करीब दो ग्राम सुहागे का पावडर बनाकर थोड़ी सी ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाएं छालों में जल्दी फायदा होगा। ऐसा करें दांतों में गंदगी से भी मुंह में छाले पैदा हो जाते हैं अत: दिन में 2 से 3 बार दांत साफ करना जरूरी है। भोजन में लालमरसा का साग खायें।
मुंह के छाले होने पर 2 केले रोजाना सुबह दही के साथ खायें।
छाले होने पर टमाटर अधिक खाने चाहिए। ठण्डी फल व सब्जियां खायें। पेट की कब्ज खत्म करने के लियें सुबह 1 गिलास पानी शौच जाने से पहले पीने से लाभ होता है।
शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें।
मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए।
छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों परलगाने चाहिए
अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंहमें रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं
ऐसा न करें भोजन में अधिक तेल, मिर्च, मांस, तेज मसाले व गर्म पदार्थ न खायें। पेट में कब्ज होने पर छाले बनते हैं। पेट में कब्ज को बनाने वाले कोई भी पदार्थ न खाएं। अधिक गरिष्ठ भोजन न करें।चाय, शराब, बीड़ी-सिगरेट या किसी भी नशीली चीज का सेवन न करें।
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